गिरिजाकुमार बलियार सिंह के ओड़िया काव्य-संकलन "चारण चर्या"का हिन्दी अनुवाद
श्री गिरजाकुमार बलियारसिंह जाने-माने ओड़िया कवि है, जो अपनी कविताओं में लयबद्धता, संगीत और ध्वन्यात्मकता आदि के नए-नए प्रयोगों के लिए विख्यात है। आपका जन्म ओड़िशा के नरगोड़ा (खुर्दा) में 9 दिसंबर 1954 को हुआ। संप्रति कटक के कल्याणी नगर में रह रहे हैं ।ओड़िया भाषा और साहित्य में प्रोफेसर का कार्य करने के पश्चात आपने मीडिया के क्षेत्र में कदम रखें । सन 1980 से 1995 के दौरान ओड़िया दैनिक 'प्रगतिवादी', 'संवाद', 'प्रजातंत्र' एवं रविवारीय रहस्य रोमांच जैसे महत्वपूर्ण समाचार पत्रों मे साहित्य और फीचर लेखन में नए नए ट्रेंड स्थापित किए। सन 1995 के पश्चात आपने 'कहानी' एवं 'अक्षर' जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशन गृहों की स्थापना की। जिसमें कहानी प्रकाशन गृह को 2003 में ओडिशा राज्य का सर्वश्रेष्ठ प्रकाशन गृह के रूप में ग्यारहवां भुवनेश्वर पुस्तक मेला पुरस्कार प्राप्त हुआ ।
*कृतियाँ :-*
अभी तक आपके 13 काव्य- संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। जिनमें 'कालिर कविता' (1976), 'क्रौंच मिथुन' (1982), 'धैर्यर शायरी' (2002), 'भारतवर्ष' (2003), 'नील निर्वाण' (2003), 'सर्ग समग्र' (2004), 'तृष्णा तर्पण' (2004) 'चतुर्दशीर चंद्र' (2005), 'उत्तर मेघ' (2006), 'चित्र प्रतिमा' (2007), 'शीत शीर्षक' (2008), ' चर्या चयन' (2009), 'चारण चर्या' (2011), 'काव्य-पुरुष' मुख्य है। इसके अतिरिक्त, 'पदावली:पत्रावली' में चयनित कविताएं एवं पाठकों के विचार संकलित है। लेखन की अन्य विधाओं मे 'मैं फूलन कहूछि' ( बैंडिट क्वीन फूलन देवी की जीवनी पर आधारित रेखाचित्र), गद्य (साहित्यिक आलोचना,रिपोतार्ज, लघु कहानियां एवं पत्रकारिता पर आधारित आलेखों का संग्रह), पद्म पुराण (काव्य-संग्रह), रुत- निरुत (काव्य-संग्रह) प्रकाशनाधीन है।
*संपादन* :-
रेनेसा (1980), (त्रैमासिक पत्रिका), सतीर्थ साहित्य-काव्य कविता (1981) ( सतरह समकालीन युवा ओड़िया कवियों की कविताओं का संपादन), सतीर्थ (1982), (त्रैमासिक पत्रिका), 'जन्ह राति' (2004) (कभी-कभी), 'सममुख्य' (पाक्षिक पत्रिका) आदि का संपादन कार्य भी किया ।
*सम्मान एवं संवर्धना:-*
सन 1969 में गांधी वेटरनरी ऑल इंडिया अवार्ड फॉर स्टूडेंट, लिटरेरी चैंपियन इन कॉलेज कैरियर (1971-72), सुलेख शॉर्ट स्टोरी अवॉर्ड (1972), सन 1997 में महावीर सांस्कृतिक अनुष्ठान, कालाहांडी द्वारा सर्वश्रेष्ठ आलेख लेखक पुरस्कार, उत्कल साहित्य समाज कटक द्वारा गंगाधर कविता सम्मान (2005), प्रजातंत्र प्रचार समिति, कटक द्वारा झंकार कविता सम्मान (2008), 2006 में 'भारतवर्ष' कविता संकलन पर ओड़िशा साहित्य अकादमी का पुरस्कार , सन 2009 में गोकर्णी पुरस्कार, सन 2010 में कादंबिनी कविता पुरस्कार प्राप्त हुआ।
आपकी पत्नी डॉ विजया लक्ष्मी बलियार सिंह पेडिएक्ट्रीशियन (शिशु विशेषज्ञ चिकित्सक) होने के साथ-साथ एक प्रतिष्ठित उपन्यासकार एवं कहानीकार भी है।